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10/05/2024

DakTimesNews

Sach Ka Saathi

मनमानी ड्यूटी कर रहे है जिला अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट बी०एन० सिंह, मंडल आयुक्त से शिकायत।

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मनमानी ड्यूटी कर रहे है जिला अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट बी०एन० सिंह, मंडल आयुक्त से शिकायत।

रायबरेली। पू जिला प्रभारी हिंदू युवा वाहिनी आशीष पाठक ने रायबरेली जिला चिकित्सालय में तैनात चीफ फार्मासिस्ट बी एन सिंह द्वारा नशे की हालत में ड्यूटी करने, मरीजो से अभद्रता करने के साथ ही अपने कार्य टांका इंजेक्शन आदि को स्वीपर से लगवाने उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग को बदनाम करने के संबंध में शिकायत मंडलायुक्त से की गई है। शिकायती पत्र में कहा है की जिला चिकित्सालय इमरजेंसी रायबरेली के चीफ फार्मासिस्ट बीएन सिंह के कारनामे काफी सालों से चले आ रहे हैं । क्योंकि उनकी अपनी ड्यूटी जहां लगी है वहां ना करके अपनी ड्यूटी इमरजेंसी में सांठ गांठ करके लगवाकर मरीजों से धन उगाही नशे की हालत में ड्यूटी करनी व मरीज से अभद्रता करने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग को बदनाम करने में पूरी तरीके से लगे हुए हैं। जिनके आगे सीएमएस व सीएमओ भी नतमस्तक दिखाई दे रहे है। बताते है की चीफ फार्मासिस्ट बीएन सिंह रोजाना अपनी ड्यूटी इमरजेंसी में लगवाकर अपना सारा कार्य जो उनको करना चाहिए वह स्वीपर व छोटे कर्मचारियों से करवाते हैं जैसे गंभीर चोटिल लोगों को टांका लगाना इंजेक्शन लगाना आदि इनका कार्य होता है और यह अपने कार्य को ना करके स्वीपर आदि से कराते हैं और खुद कुर्सी पर बैठकर पान मसाला खाकर मरीजों से अभद्रता करते हैं एवं पूरी तरीके से नशे में भी रहते हैं और साठ गांठ के बल पर इनके ऊपर कोई कुछ नहीं बोल पाता । क्योंकि यह अपनी पहुंच बहुत ऊपर तक बताते हैं और कहते हैं कि मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता में इमरजेंसी में जो चाहूंगा वही होगा । उसके अलावा कुछ नहीं रायबरेली जिला चिकित्सालय के सीएमएस जहां एक ओर जिला चिकित्सालय को आदर्श चिकित्सालय बताने और सुधार की बात कहते है। वहीं इमरजेंसी के चीफ फार्मासिस्ट बीएन सिंह के आगे यह भी खुद नतमस्तक दिखाई पड़ते हैं । क्योंकि रोजाना उनकी शिकायतें आती रहती हैं पर कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता। पत्रकारों को कहते हैं कि अगर आपको फार्मासिस्ट से शिकायत है तो लिखित तौर पर कीजिए बताते चलें कि कई बार पत्रकारों ने इस मामले को उजागर करते हुए उनसे उनका कर्तव्य भी जानना चाहा था लेकिन उन्होंने हर बार कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। अतएव कई बार शिकायतें करने पर भी कार्रवाई नही हुई। शिकायती पत्र में साफ बताया है की फार्मेसिस्ट बी एन सिंह की ड्यूटी ब्लड बैंक में लगी हुई है और वह सांठ गांठ करके इमरजेंसी में अपनी ड्यूटी लगवा कर मनमानी तरीके से कार्य करते व करवाते हैं व सरकार विरोधी कार्य भी करते हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई की अत्यंत आवश्यकता है मरीज की गंभीर हालत हो या मरीज को कितनी भी चोट आई हो एक टांका तक अपने हाथ से नहीं लगाते हैं इमरजेंसी के चीफ फार्मासिस्ट बी एन सिंह । यही कारण है की दिन सुर्ख़ियों में रहने वाले जिला चिकित्सालय रायबरेली की इमरजेंसी में तैनात चीफ फार्मासिस्ट बी एन सिंह के आगे स्वास्थ महकमा बिल्कुल नतमस्तक दिखाई दे रहा। ड्यूटी की बात करें तो इनकी ड्यूटी ब्लड बैंक में है परंतु धन बल के बल पर यह इमरजेंसी में नशे की हालत में ड्यूटी करना उनका स्वभाव बन गया है कभी किसी से सही से बात नहीं करना हमेशा मुंह में पुड़िया दबाकर अधिकतर रात्रि में ड्यूटी लगवा कर मरीजों से अभद्रता करना इनका काम हो गया है सूत्रों की माने तो के अंदर रूम में शराब का सेवन करके व लगभग रोजाना ड्यूटी लगवा कर मरीजी से धन उगाही करना इनका काम बन गया है । खुद कुर्सी पर बैठकर अपना काम स्वीपर से कराना जिसमें मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भी कुछ नहीं कहते रोजाना इमरजेंसी में ड्यूटी के दौरान शिकायतों का अंबार लगा रहता है एवं इनकी कार्यशैली से भी सभी प्रभावित है पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जो अपने आपको एक ईमानदार सीएमएस के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं और जिला चिकित्सालय को बेहतर बनाने में लगे हुए है वहीं दूसरी ओर से सीएमएस साहब खौफ फार्मासिस्ट बी एन सिंह पर अपनी कृपा बनाए हुए हैं ऐसा लोगों का कहना है सूत्रों की बात करें तो लोग बताते है कि यह एमरजेंसी ड्यूटी के दौरान नशे में रहते हैं और सही से बात नहीं करते और इनकी ड्यूटी भी ब्लड बैंक लगी हुई है पर साठ गांठ

करके अपनी ड्यूटी इमरजेंसी में रोजाना लगवाते है क्योंकि धन उगाही की जा सके सूत्रों की माने तो इन्होंने अपने कुछ लोगों के मैनेज करने के लिए रख रखा है कि इनके ऊपर कोई बात आए तो वह लोग मैंनेज करने के लिए सीएमएस,सीएमओ से इनके बारे में बात कर सके जिसके लिए चीफ फार्मेसिस्ट साहब उनको अच्छी खासी मोटी रकम भी देते हैं अधिकारी की बात ना मानकर अपने मनमाने ढंग से इलाज करके मरीजों से सही से बात न करना इनका पेशा बन गया है अब अगर इसकी निष्पक्ष जांच हो की ड्यूटी कहां पर लगी हुई है यह इमरजेंसी में रोजाना अपनी ड्यूटी कैसे लगवाते हैं इनका मरीजों से बर्ताव क्या है यह अपना कार्य स्वीपरों से कैसे करवाते हैं अगर इन सभी बातों की गहनता से जांच हो तो इन पर बड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है क्योंकि यह अपने आप को उत्तर प्रदेश सरकार से भी ऊंचा समझने लगे हैं और उनके लिए शासन प्रशासन मायने नहीं रखता है|

 

रिपोर्ट-अंतिम सिंह

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