गोरखपुर के टॉप टेन बदमाशों में शामिल माफिया राकेश समेत 11 पर गैंगेस्टर की कार्रवाई, संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू
1 min readरिपोर्ट-शोएब अहमद सिद्दीकी
गोरखपुर जिले के बदमाशों की सूची में शामिल और वर्तमान में देवरिया जेल में बंद माफिया राकेश और उसके 10 साथियों पर गुलरिहा पुलिस ने गैंगेस्टर की कार्रवाई की है। प्रभारी निरीक्षक रवि राय ने मुकदमा दर्ज करने के लिए डीएम के पास गैंग चार्ट भेजा था। अनुमति मिलने पर शनिवार की सुबह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
जानकारी के मुताबिक, प्रभारी निरीक्षक गुलरिहा रवि राय द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में लिखा है कि, झुंगिया बाजार का रहने वाला राकेश यादव शातिर बदमाश है। गिरोह के सदस्यों के साथ आम जनमानस को डरा धमकाकर धन अर्जित करता है। हत्या, लूट, मारपीट और रंगदारी वसूलना उसके गिरोह का पेशा है।
मुकदमे में लिखा है कि चिलुआताल के मझगांवा निवासी शनि दुबे उर्फ सुधांशु, पिपराइच के जंगल छत्रधारी, शाहपुर निवासी बेचू यादव, दिनेश यादव, मंटू उर्फ आकाश कन्नौजिया, गुलरिहा झुंगिया निवासी गुड्डू यादव उर्फ वीरेंद्र, अशोक यादव, शाहपुर के व्यासनगर निवासी अमित सिंह, अभिषेक सिंह, मोहनापुर निवासी योगेश चौधरी और पिपराइच के जंगल तिनकोनिया निवासी राजकुमार गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं।
राकेश और उसके साथियों के डर से कोई भी शिकायत नहीं करता है। सभी अभ्यस्त अपराधी हैं जिसकी वजह से कोई इनके खिलाफ गवाही भी नहीं देता।
15 जुलाई को राकेश ने कोर्ट में किया था सरेंडर
एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि जेल में बंद माफिया राकेश यादव का नाम जिले के टॉप 10 बदमाशों की सूची में शामिल है। माफिया और उसके गिरोह के सदस्यों की संपत्ति जब्त कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
गुलरिहा के झुंगिया निवासी राकेश यादव पर आपराधिक साजिश का ताजा मामला दर्ज है। बता दें कि जून माह में मुठभेड़ में मारे गए बदमाश विपिन सिंह ने प्रॉपर्टी डीलर छोटू पासवान के घर पर चढ़कर गोली चलाई थी जिसमें उसके दोस्त का भाई घायल हो गया था। इसके अलावा एक बारह साल का बच्चा भी घायल हुआ था।
पुलिस ने इस मामले में हत्या की साजिश रचने और सुपारी देने का आरोपी राकेश यादव को बनाया है। घटना के बाद से ही फरार था। डीआइजी ने उसके ऊपर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। पुलिस का दबाव बढ़ने पर माफिया ने 15 जुलाई को पुलिस व क्राइम ब्रांच को चमका देकर पिपराइच के एक मामले में जमानत निरस्त कराकर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। एक सप्ताह बाद राकेश को गोरखपुर से देवरिया जेल भेजा गया।