लापरवाही बरतने वालों पर हो कार्यवाही। दिनेश बहादुर सिंह
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अनुराग प्रताप सिंह
रायबरेली।सारे डिटेल्स सही सही दिये जाने पर भी आज तक शुद्ध डाटा फीड नहीं हुआ लेकिन ब्लॉक कार्यालय के किसी ज़िम्मेदार बाबू का वेतन न रुका! लेकिन एक नवीन प्रकार का आदेश जारी कर शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान कर दिया गया ।अब अध्यापकों की ही जिम्मेदारी तय करते हुए उनसे न केवल सेवा विवरण सम्बन्धी डाटा वेरिफाई कराया जा रहा बल्कि अनुपालन न होने पर वेतन रोकने की चेतावनी भी दी जा रही है। जिससे कि जनपद के सभी शिक्षक/शिक्षिकाओं में आक्रोश ब्याप्त है ।उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश बहादुर सिंह द्वारा मानव संम्पदा पोर्टल पर डाटा फीडिंग के नाम पर हो रहें नित्य नए आदेशों पर अपना आक्रोश ब्यक्त करते हुए कहा कि हजारों शिक्षकों से ऑनलाइन गूगल फॉर्म भरवाकर सत्यापन कराए जा रहे लेकिन क्या उनमें से किसी शिक्षक को बुलाकर उसकी समस्या का समाधान हुआ।प्रदेश व जिला स्तरीय अधिकारियों के आदेशों का पालन क्या ब्लाक स्तर पर हो रहा है,कुछ ब्लाकों में तो इस कार्य हेतु शिक्षकों को मानसिक रूप से बहुत परेशान होना पड़ रहा हैं।उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय से मांग की है कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर डेटा संशोधन का कार्य 30 जून तक पूर्ण कराने हेतु अपनी देख-रेख में ब्लॉक वार कार्यक्रम जारी करें एवम मानव सम्पदा पोर्टल पर डाटा अपलोड में हुई व्यापक स्तर पर त्रुटियों के लिये शिक्षकों को जिम्मेदार न ठहराया जाय। शिक्षक कई-कई बार अपनी सेवा का डाटा हार्डकॉपी में जमा कर चुके हैं।इस बात की विशेष जांच कराई जाय कि बिना सेवा पुस्तिका एवम फॉर्म से सत्यापन किये डेटा सत्यापित कैसे हुआ किसने किया?ऐसे में डाटा फीडिंग में हुई व्यापक त्रुटियों के लिये सम्बंधित कर्मचारियों की जिम्मेदारी व जवाबदेही तय हो ,कार्यवाही लापरवाही बरतने वाले अधिकृत ब्यक्तियों पर हो कि आपके विकास क्षेत्र में इतने बड़े स्तर पर कमियां कैसे हुयी?।आज भी मानव संम्पदा पोर्टल की त्रुटियों को दूर न करके शिक्षकों से यह कहाँ जा रहा है कि सभी कमियां दूर हो गयी है लेकिन पोर्टल पर वही पुरानी प्रविष्टि आज भी दिख रही है। शिक्षकों पर कार्यवाही करने के पूर्व किस स्तर पर लापरवाही एवम उदासीनता बरती गयी इसका पता कराइये एवम कठोर कार्यवाही करिये।यदि हम शिक्षकों की लापरवाही है तो अवश्य कार्यवाही हम पर भी करिये।