15 संभावित क्षय रोगियों के बलगम का लिया गया नमूना
• बंदियों को टीबी के लक्षणों और बचाव के बारे में किया गया जागरूक
रायबरेली। राष्ट्रीय क्षय (टीबी) रोग उन्मूलन कार्यक्रम(एनटीईपी) के अंतर्गत सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसी एफ) अभियान 23 नवंबर यानि बृहस्पतिवार से शुरू हुआ जो कि 5 दिसंबर तक चलेगा । इसी क्रम में बृहस्पतिवार को जिला कारागार में संभावित क्षय रोगियों की स्क्रीनिंग करते हुए क्षय रोग के लक्षणों के प्रति संवेदित किया गया।उक्त गतिविधियों में क्षय विभाग की टीम के साथ जिला कारागार के चिकित्सक डॉ. सुनील अग्रवाल तथा उनकी टीम की उपस्थित मे प्रथम दिन की स्क्रीनिंग में 15 संभावित क्षय रोगियों के बलगम का नमूना लिया गया।इस मौके पर एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक अभय मिश्रा ने बताया कि जिन मरीज को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी और बुखार का रहना, बलगम के साथ खून का आना, रात के समय पसीना आना, लगातार वजन कम होना और भूख न लगना यह संभावित टीवी के लक्षण है इनके होने पर अपनी जांच तुरंत करवाएं। इस छुपाएं नहीं क्योंकि इससे अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं | जिला कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि केवल फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है और संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, तौलिया या खाना साझा करने से यह नहीं फैलती है | यह छींकने या खाँसने से फैलती है | इसलिए टीबी मरीज को मास्क का उपयोग करना चाहिए और खुले में थूकना नहीं चाहिए | उन्होंने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीज को पोषण के लिए 500 रुपये की राशि उसक बैंक खाते में भेजी जाती है |इस अभियान के दौरान जिला कार्यक्रम समन्वयक अभय मिश्रा, जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक पीपीएम मनीष श्रीवास्तव, डिपीएमडीटी अतुल कुमार एवं वरिष्ठ उपचार पर्वेक्षक के के श्रीवास्तव व आशीष कुमार चीफ फार्मासिस्ट जिला कारागार स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) से सतीश शुक्ला उपस्थित रहे।