निचलौल ग्राम पंचायत रौतार में अतिक्रमण के नाम पर जिला अध्यक्ष लेखपाल संघ के गजेंद्र भारती ने गिरवा दिया गरीब का मकान ,दबंगों के अतिक्रमण पर बोलती हुई बन्द,एक ओर सरकार बनवा रही है गरीबों के मकान ,दूसरी ओर लेखपाल कर रहे है लोगों को धमकी के साथ बेघर
1 min readमहराजगंज/निचलौल
09/01/2021
ब्यूरो महराजगंज
भानु प्रताप तिवारी की रिपोर्ट
महराजगंज। भाजपा सरकार की महत्वकांक्षी योजना में गरीबों को छत देने की भी योजना चल रही है। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के गृह जनपद से सटे महाराजगंज जिले में गरीबों को दबंगई के बल से उजाड़ने का काम किया जा रहा है । कहा जाता है कि इन गरीबों ने सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर रखा है। जिसके कारण इन्हें बेघर किया जा रहा है परंतु आश्चर्यजनक रूप से जहां एक के बाद एक तमाम घर और प्रतिष्ठान सरकारी जमीन पर कब्जा कर के बने हुए हैं। इन पर जिला प्रशासन की निगाह नहीं पहुंचती है और कहते हैं कि गांव में ग्राम प्रधान लेखपाल और कोटेदार विवाद की सबसे बड़ी जड़ होते हैं। कुछ ऐसा ही मामला निचलौल तहसील ग्राम पंचायत रौतार में देखने को मिला।जहाँ अतिक्रमणकारियों पर पहली बार प्रशासन के द्वारा अभियान चलाया गया। लेकिन इस अतिक्रमण अभियान पर प्रशासन ने दबंग और रसूखदार लोगों के अतिक्रमण को अपने अभियान से मुक्त रखा बताते चलें कि ग्राम पंचायत रौतार के कुछ लोगो ने बंजर जमीन को कब्जा कर लिया था। जब मामला प्रशासन के संज्ञान में पहुंचा तो प्रशासन ने ग्राम पंचायत रौतार में आकर अतिक्रमण को हटवाया अब सवाल ये उठता है कि अतिक्रमण हटाते हुए प्रशासन ने रसूखदार लोगो को नजरअंदाज किया। जबकि ग्राम पंचायत रौतार में बहुत से लोग कब्जा किया है। लेकिन सबका कब्जा नही हटाया गया। यहां तक कि लोगो ने कार्यवाही कर रहे लेखपाल को भी रसूखदार लोगो के द्वारा किये गये अतिक्रमण के बारे में बताया,लेकिन लेखपाल गजेंद्र भारती ने उसे नजर अंदाज कर दिया और यहाँ तक कहा कि उस अतिक्रमण के बारे में उन्हें जानकारी नही है । अब प्रशासन से सवाल ये उठता है कि जब लेखपाल को उसकी ग्राम पंचायत में कुल कितना अवैध कब्जा हुआ है उनको इसके बारे में नहीं जानकारी है तो किस आधार पर वहां के एक परिवार का घर उजाड़ दिया। जहां तक सोचा जाए कि निचलौल तहसील लेखपाल गजेंद्र भारती को ग्राम पंचायत रौतार में कुल कितना अवैध कब्जा हुआ है सब मालूम है। लेकिन बताते हैं कि इससे पूर्व एक बार 100 ₹100 लेकर कार्य करने के आरोप में लेखपाल निलंबित भी हो चुके हैं परंतु विभागीय सांठगांठ के बाद पुणे बहाली प्राप्त कर ली और आज लेखपाल संघ के अध्यक्ष बनकर अपना अनर्गल कार्य सुचारू रूप से चला रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनका संगठन उनके हर गलत कृत्यों में उनका साथ देगा । यही शायद सबसे बड़ा कारण है कि इन्होंने रसूखदारो के कब्जो को नजरअंदाज कर दिया और एक परिवार के घर को उजाड़ दिया। मनबढ़ लेखपाल का हाल ये है कि उनके इस असंवेदनशील कृत्य की जानकारी मीडिया को हुई। तो उन्होंने लेखपाल गजेंद्र भारती से वार्ता करना चाहा तो लेखपाल ने बात करने से इनकार किया और कहा कि मैं इन रसूखदारों के अतिक्रमण के बारे में कुछ नहीं बताऊंगा जब तक हमारे तहसील के उप जिलाधिकारी राम सजीवन मौर्य नहीं कहेंगे। जब तक मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊंगा । उनसे जब यह पूछा गया कि आप एक लेखपाल हैं तो आपको तो इतना भी मालूम होना चाहिए कि एक ग्राम पंचायत रौतार में कितना अवैध कब्जा है ? लेकिन उसे नजरअंदाज क्यों किया ? प्रशासन ने आकर के इसको क्यों नही हटवाया । अतिक्रमण हटाया जा रहा था तो सबको क्यों नहीं हटवाया गया। अतिक्रमण हटाओ अभियान का शिकार एक ही परिवार को क्यों किया लोगो के जेहन में सवाल ये उठता है कि कही यहाँ पर भी तो नही सौ सौ रुपये का कोई खेल खेला गया हो। क्योंकि जो लोग बंजर जमीन पर अवैध कब्जा किए हैं वह दबंग है । कहा जा सकता है कि लेखपाल की कलम उन लोगों से डर रही है। जबकि इस मौके पर ग्राम पंचायत के लोगों पुलिस प्रशासन व तहसील के आला अधिकारी भी मौजूद रहे।
लेखपाल गजेंद्र भारती के ऑडियो क्लिप साक्ष्य मोजूद