हाथरस काण्ड में मीडिया से भी सरकार को था खतरा,तभी उनको भी रोका गया :ऊषा सिंह
1 min readरिपोर्ट-सन्दीप मिश्रा
रायबरेली। रायबरेली कांग्रेस कमेटी की वरिष्ठ महिला नेता ऊषा सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित एसआईटी की जांच पर भरोसा न होने और सीबीआई की जांच सिर्फ देश और प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। ऊषा सिंह ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कल हाथरस के पीड़ित परिजनों से मुलाकात के दौरान उनकी जो मुख्य मांग है कि घटना की न्यायिक जांच कराई जाए, ऐसे में कांग्रेस पार्टी उनके द्वारा उठाये गये पांचों सवालों पर पूरी मजबूती के साथ खड़ी है।उन्होंने कहा कि हाथरस की दलित बेटी के साथ हुई दुःखद घटना और बेटी को न्याय दिलाने के लिए मीडिया की जो सकारात्मक भूमिका रही है वह प्रशंसनीय है। लेकिन प्रदेश सरकार को मीडिया कर्मियों से भी खतरा था तभी उनको भी हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने नही दिया गया। उन्होने कहा कि इससे बड़ी शर्मनाक बात क्या होगी कि हाथरस की दलित बेटी के साथ हुए अत्याचार के पुलिस ने शव को गायब करके रात्रि में 2.30 बजे जला दिया तथा पीड़िता के गांव में पुलिस बल लगा दिया और मीडिया को भी नहीं जाने दिया गया। श्रीमती सिंह ने बताया कि जब राहुल और प्रियंका गांधी पीड़ित परिजनों से मुलाकात करने गये तो उन्होने पांच मांगें रखीं- जिसमें पहली मांग इस घटना की न्यायिक जांच कराई जाए। दूसरी मांग हाथरस के डीएम को बर्खास्त किया जा। तीसरी मांग पीड़ित परिवार यह जानना चाहता है कि बिना परिवार की अनुमति के उनकी बेटी का शव रात्रि में क्यो जलाया गया? चौथा सवाल बार-बार पीड़ित परिवार को क्यों डराया धमकाया जा रहा है। पांचवां और अंतिम सवाल कि मृतका के पिता ने कहा है कि उन्होने जो चिता जली है उससे वह फूल चुनकर लाये हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि यह फूल उनकी ही बेटी के हैं या किसी और की। इन पांचों सवालों का जवाब प्रदेश के मुख्यमंत्री को देना ही होगा।
महिला नेता ने कहा कि उ0प्र0 में महिलाएं सुरक्षित नहीं है जिस तरह यूपी महिला अपराधों में नम्बर एक है उससे स्पष्ट है कि उ0प्र0 जंगलराज में तब्दील हो गया है। उन्होने कहा कि हाथरस की बेटी न्याय के लिए गुहार लगा रही थी, इलाज के लिए विलख रही थी उसका परिवार न्याय के लिए सरकार से गुहार लगा रहा था पर निष्ठुर योगी सरकार उस बेटी को न्याय और चिकित्सा दे नहीं पायी उल्टे उस बेटी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने वाले लेागों का दमन करना शुरू कर दिया। लेकिन प्रदेश सरकार जांच पर जांच और छोटी मोटी कार्यवाही करके जनता को गुमराह नहीं कर सकती। कल पीड़िता से मिलने जाते समय राहुल और प्रियंका के साथ की गयी अभद्रता कांग्रेस नेताओं के साथ अभद्रता नहीं बल्कि लाखो-करोड़ों भारतीयों की भावनाओं पर कुठाराघात है। उन्होने आगे कहा कि मैनपुरी की नवोदय विद्यालय की छात्रा हो, कानपुर में संजीत यादव,यूपीएससी की सीबीआई जांच कराये जाने की सिफारिश हो, यह सभी जांचें अभी तक केन्द्र में लम्बित है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश को गुमराह कर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होने कहा कि बुलन्दशहर, बलरामपुर, हरदोई के साथ उन्होने पूर्व की रेप की विभिन्न घटनाओं का हवाला देते हुए कि आखिर उ0प्र0 में यह सब कब तक चलता रहेगा। उन्होने कहाकि आज आखिर महिला आयोग, मा0 राज्यपाल पूरे मामले में चुप क्यों हैं। उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा है कि आपसे सरकार नहीं संभल रही है, इस्तीफा दीजिये।