निचलौल रेन्ज के गंडक बीट के आबादी में नहीं जंगल में बेंत के झाड़ी में फंस गया तेंदुआ
1 min readउत्तर प्रदेश जनपद महराजगंज निचलौल रेंज
तबारक अली की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश जनपद महराजगंज के निचलौल रेंज के गंडक बीट जंगल में एक तेंदुआ रात के अंधेरे में बेंत की झाड़ी में फंस गया था। शनिवार को वनकर्मी ने तेंदुए को झाड़ी में फंसा देखकर निचलौल रेंजर को सूचना दी।
मौके पर डीएफओ पुष्प कुमार के. और एसडीओ घनश्याम राय के नेतृत्व में पहुंचे वनकर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से तेंदुए को जाल व पिंजड़े के जरिए पकड़कर निकाला और निचलौल रेंज ले आए। इस दौरान वनकर्मियों को दो घंटे की मशक्कत करनी पड़ी।
निचलौल रेंज के गंडक बीट के वाचर विरझन शनिवार को जंगल गश्त में निकला था। उसने जंगल में बेंत की झाड़ी में एक तेंदुए को फंसा देखा। इसकी सूचना रेंजर निचलौल जगरनाथ प्रसाद को दी। रेंजर ने डीएफओ व एसडीओ को भी सूचित किया। सूचना पर दोपहर में वन कर्मियों की टीम पहुंची। सूचना पर तहसीलदार राहुल देव भट्ट व एसओ बिहागड़ सिंह यादव भी पहुंचे।
कलनही खुर्द गांव के सामने जंगल में तेंदुए के पकड़े जाने से कलनही खुर्द व चन्दा आदि गांवों के सैकड़ों लोग तेंदुए को देखने के लिए जुट गए थे। वनकर्मियों ने जाल से तेंदुए को पकड़कर बेंत से बाहर निकालने की कोशिश की। ग्रामीणों की मदद ली, लेकिन तेंदुए को निकालने में दो घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। तेंदुए को वन कर्मी निचलौल रेंज लाए। रेंज परिसर में पशु चिकित्सक डॉ. दिलीप सिंह व संतोष कुमार जायसवाल ने तेंदुए का इलाज किया। उसे इंजेक्शन भी दिया गया।
नहीं हो सकी नर या मादा की पहचान
निचलौल रेंज के गंडक बीट में बेंत की झाड़ी में फंसे तेंदुए के निकालने के बाद नर या मादा होने का प्रमाण नहीं मिल पाया है। इससे उसे निश्चित किया जाय कि वह नर या मादा है। वनकर्मियों के अनुसार तेंदुआ चार वर्ष के आसपास का है और वयस्क है। पशु डाक्टरों की टीम भी नहीं बता सकी कि वह नर या मादा।
पीसीसीएफ के निर्देश पर जंगल में छोड़ा जाएगा तेंदुआ
सोहगीबरवां वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज के गंडक बीट में बेंत की झाड़ी में फंसे तेंदुए को जाल में बांधकर निकालने के बाद वनकर्मी पिंजड़ा में रखकर पिकअप गाड़ी से निचलौल रेंज ले आए। अब इसे किस जंगल में छोड़ना है, इसको लेकर वनाधिकारियों में मंथन हो रहा है। इसके लिए डीएफओ वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक से अनुमति मांग रहे हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक के निर्देश पर तय होगा कि किस जंगल में तेंदुए को छोड़ा जाएगा।
निचलौल रेंज के गंडक बीट में बेंत की झाड़ी में फंसे तेंदुए को ग्रामीणों के सहयोग से निकाला गया है। निचलौल रेंज में पिंजड़ा में उसे रखा गया है। तेंदुए का इलाज पशु चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है। तेंदुए को जंगल में छोड़ने के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक से अनुमति मांगी जा रही है। अनुमति मिलने पर जंगल में उसको छोड़ा जाएगा