बसपा से कांग्रेस में हुये शामिल ठा0 मनीष सिंह,
1 min readसन्दीप मिश्रा
रायबरेली। बसपा नेता और हरचंदपुर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके ठाकुर मनीष सिंह कल कांग्रेस का का दामन थाम लिया मनीष सिंह आज महात्मा गांधी इंटर कॉलेज से अपने समर्थकों के साथ भूयेमऊ गेस्ट हाउस जाकर कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को बुके भेंट कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की । पीस पार्टी और बसपा से चुनाव लड़ चुके मनीष सिंह का काफिला देखने के लिए लोग सड़कों पर मौजूद थे । परंतु जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई धारा 144 का अनुपालन करते हुए मनीष सिंह का काफिला एक एक दो दो गाड़ियों की शक्ल में भूएमऊ गेस्ट हाउस पहुंचे। जहां सैकड़ों की तादात में उनके समर्थक एकत्र हो गए और उन सब के बीच में मनीष सिंह ने प्रियंका गांधी वाड्रा से भेंटवार्ता की और पार्टी में अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए सदस्यता ली । मनीष सिंह का चेहरा राजनीति में कोई नया नहीं है बल्कि पूर्व सांसद स्व0 अशोक सिंह के पुत्र के रूप में नाम ही पर्याप्त है।पिता और चाचा पूर्व विधायक ठाकुर अखिलेश सिंह के बाद जनता ने राजनीति में लालूपुर कोठी से किसी को जाना था तो वह चेहरा मनीष सिंह का था । एक समय में जेल से निर्दलीय चुनाव लड़े विधायक ठाकुर स्व० अखिलेश सिंह के स्टार प्रचारक के रूप में कमान मनीष सिंह ने ही संभाली थी और जिले भर के नेताओं को अपनी वाकपटुता और राजनीतिक गणित से लोहा मनवा दिया था और युवा में मनीष सिंह आदर्श चेहरे के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी । बुजुर्गों का सम्मान और युवाओं में जोश भरने की कला में माहिर मनीष सिंह दो बार हरचंदपुर विधानसभा से बसपा टिकट से हाथ आजमा चुके हैं जहां पर उन्होंने कांग्रेस- मोदी इन सब की लहर के बावजूद सभी को कड़ी टक्कर दी थी। मनीष सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से लोग उन्हें जरूर पूर्व विधायक स्व0 अखिलेश सिंह के उत्तराधिकारी के रूप में देखेंगे,तो वही उनके पिता पूर्व सांसद अशोक सिंह की भी छवि को खोजने की जनता कोशिश करेगी वही कांग्रेस को भी एक मजबूत स्तंभ मिलेगा । वही कांग्रेस ने अपने किले को मजबूत करने के लिए अब भाजपा के सामने एक और कील ठोककर उसे मजबूत कर दिया है। जिसको निकालकर विपक्षी कांग्रेस के किले को कमजोर करने की बात कह रहे थे। जनता भी इसे कांग्रेस का नहले पर दहला वार करने जैसी बात कह रही है और शायद यह आने वाले समय में कांग्रेस का यह दांव विपक्षी दलों पर भारी पड़े।