बच्चों के सर्वागीण विकास में पहला 1000 दिन बेहद महत्वपूर्ण-डीपीओ
1 min readसौरभ पाण्डेय की रिपोर्ट
फरेंदा ब्लाक के पोखरभिंडा गांव में आयोजित हुआ सुपोषण दिवस
आयोजित हुई पंचायत की बैठक, ऊपरी आहार पर भी हुई चर्चा
महराजगंज:-फरेंदा ब्लाक के ग्राम पंचायत पोखरभिंडा में सोमवार को सुपोषण दिवस मनाया गया। ग्राम पंचायत की बैठक हुई,जिसमें छह माह बाद बच्चों के ऊपरी आहार पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय ने कहा कि बच्चों के सर्वागीण विकास में पहला एक हजार दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में सभी को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि प्रायः देखने को मिलता है कि कुपोषण की व्यापकता छह माह से दो वर्ष के बीच तेजी से बढ़ती है। छह माह बाद माँ का दूध बच्चा के बृद्धि व विकास के लिए पर्याप्त नहीं होता। ऐसे में शिशु को मां के दूध के साथ-साथ ऊपरी आहार( पूरक आहार) की भी आवश्यकता होती है।
फरेंदा ब्लाक के बाल विकास परियोजना अधिकारी ब्रजेन्द्र कुमार जायसवाल ने कहा कि बच्चे को छह माह बाद ऊपरी आहार शुरू कर दिया जाना चाहिए। ऊपरी आहार से बच्चा चुस्त दुरुस्त रहता है। स्वस्थ रहता है। बीमारियों से बचा रहता है।उन्होंने कहा कि बच्चे को भोजन कराने में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। बच्चे को ताजा घर का बना खाना ही खिलाया जाना चाहिए। फल एवं सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर प्रयोग में लाना चाहिए। खाना साफ कटोरी में खिलाना चाहिए। खाने में नरम खिचड़ी व मसला हुआ आहार देना चाहिए।
मुख्य सेविका शेषमति व शाहिदा खातून कहा कि पोषाहार से भी विभिन्न प्रकार के नरम व्यंजन बनाकर खिलाया जा सकता है। एएनएम मालती देवी ने कहा कि गर्भ धारण के बाद से ही हमें मातृ शिशु को लेकर सचेत रहना चाहिए।
ग्राम प्रधान घनश्याम चौधरी ने कहा कि हमें साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अपने घरों के आसपास साफ सफाई रखनी चाहिए। कूड़ा कचरा कूड़ेदान में ही डालना चाहिए।
इस अवसर पर आशा कार्यकर्ता दुर्गावती, संगीता, आंगनबाङी कार्यकर्ता आरती, निर्मला हेमलता के अलावा श्लोक चौधरी, शंकर, हीरा, जाबिर अली, सजीवन आदि मौजूद रहे।