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29/03/2024

DakTimesNews

Sach Ka Saathi

सतांव के दुर्गागंज का शिव शिक्षा निकेतन का गड़बड़झाला,मान्यता कक्षा 5 तक की चलती हैं 12th की कक्षाएं

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सुषमा मिश्रा
ब्यूरो

रायबरेली। देश में रोजगार की कमी नहीं है,बल्कि उस रोजगार के काबिल लोग नहीं है । अगर यह बात आज की बेरोजगारी को देखते हुए कही जाती है ।।तो कोई गलत नहीं होगा क्योंकि रायबरेली जिले की शिक्षा व्यवस्था कुछ इसी तरह की दिखाई दे रही है । गुरबख्शगंज थाना क्षेत्र के सतांव ब्लॉक में शिव शिक्षा निकेतन दुर्गा बाजार के नाम से चल रही है स्कूल में अजीबो गरीब दास्तान। जो लोगों को शिक्षित कर उन्हें अज्ञानता के मार्ग पर भेज रहा है। कहा जा सकता है कि अंधों में काना राजा बनाने का कार्य इस स्कूल में किया जा रहा है । जानकारी के अनुसार इस स्कूल में एक दशक से कक्षा 5 तक की प्राप्त मान्यता बताई जा रही है । लेकिन स्कूल हाई,स्कूल इंटर की शिक्षा बच्चों में दे रहा है इन बातों में दो बातें जनता के सामने निकल कर आती है कि जो शिक्षक 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के योग्य है क्या वह कक्षा 10 और 12 के बच्चों को भी पढ़ा सकता है ? क्योंकि इस स्कूल में शिक्षा देने वाले शिक्षकों की मामूली तनख्वाह है । दूसरी बात यह है कि इन अज्ञात मान्यता वाले स्कूल से शिक्षित होकर जब यही बेरोजगार युवज रोजगार की तलाश में भटकते हैं तब उन्हें अपनी शिक्षा और अपनी डिग्री में जमीन आसमान का फर्क नजर आता है। लंबी चौड़ी डिग्रियां केवल कागज बनी ही उन्हें दिखाई देती है और इन सब का जिम्मेदार इस तरह के स्कूल चलाने वाले शिक्षकों को ही कहा जा सकता है क्योंकि शिक्षकों को गुरु माना गया है और गुरु को भगवान कहा गया है । इस संबंध में जब डीआईओएस से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल ने 2017 में हाई स्कूल, इंटर कोचिंग चलाने की अनुमति ली गई थी।परंतु यदि उसकी आड़ में विद्यालय चलाया जा रहा है तो कार्यवाही अवश्य होगी। बताते चलें कि इस बजट में भी सरकार ने नई शिक्षा नीति पर राय मशविरा करना शुरू कर दिया है । लेकिन इस नीति को कौन बदलेगा की एक विद्यालय मनमर्जी से फीस वसूली कर रहा है,अभिभावकों का आर्थिक शोषण कर रहा है और उस स्कूल के पास मान्यता तक नहीं है लेकिन उस पर अभी तक किसी भी आला अधिकारी की नजर नहीं पड़ती । यही नहीं जिले में तमाम ऐसे विद्यालय हैं जो फर्जी मान्यताओं के आधार पर चल रहे हैं अब देखना यह है कि उन पर कार्यवाही कब होगी।

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