अभिहित अधिकारी शशांक त्रिपाठी कर रहे है व्यापरियों का उत्पीड़न: बसन्त सिंह बग्गा
1 min readसुषमा मिश्रा
ब्यूरो
रायबरेली। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल, रायबरेली का एक शिष्ट मण्डल प्रान्तीय उपाध्यक्ष बसन्त सिंह बग्गा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में अतिरिक्त मजिस्ट्रेट विनय कुमार से खाद्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं लम्बे समय से जनपद में तैनात अभिहित अधिकारी शशांक त्रिपाठी के द्वारा व्यापारियों के ऊपर किये जा रहे उत्पीड़न से अवगत कराते हुए उनके कार्यो एवं स्थानान्तरण की माँग की गई। श्री बग्गा ने बताया कि पूर्व में लालगंज में व्यवसायी विजय रस्तोगी द्वारा खाद्य विभाग के लिपिक संजय कुमार को पचास हजार रूपये घूस लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जिसमें व्यापारी द्वारा अभिहीत अधिकारी शशांक त्रिपाठी एवं लालगंज तहसील के खाद्य अधिकारी अरूण कुमार के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई थी, किन्तु कोई कार्यवाही न होने से उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारियों के हौसले बुलन्द हो गये। श्री बग्गा ने कहा कि ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारी व कर्मचारी जिनके विरूद्ध एफआईआर तक दर्ज है, उनके विरूद्ध कार्यवाही करने के बजाए वे नित्य नये-नये भ्रष्टाचार के उदाहरण पेश कर रहे हैं। प्रशासन अब व्यापारियों के सब्र का इम्तिहान न लें, यदि इनके विरूद्ध कार्यवाही न हुई तो व्यापारी अपने व्यापार को बचाने के लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष करने को बाध्य होगा। प्रान्तीय संगठन मन्त्री मुकेश रस्तोगी ने कहा कि सैम्पलिंग के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जाता है, उनसे जबरन वसूली की जाती है, पैसा न देने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही कर जेल भेजने की धमकी दी जाती है, जनपद का व्यापारी अब इसे कतई बर्दास्त करने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग इतनी नीचता पर उतर आया है कि स्थानीय तिलक भवन के समीप पूड़ी का ठेला लगाकर जीविकोपार्जन करने वाले व्यापारी से जबरन दस हजार रूपये महीने की माँग की गई, जब उसने ऐसा करने से मना किया तो उसे सैम्पलिंग का भय दिखाकर जेल भिजवा देने की धमकी दी गयी।
नगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि खाद्य विभाग द्वारा व्यापारियों से प्रतिमाह अवैध वसूली की रकम की माँग की जाती है, यदि उनके द्वारा ऐसा करने से मना कर दिया जाता है तो उन्हीं की दुकान पर छापेमारी कर 6-7 सैम्पल भरकर कर उनका उत्पीड़न किया जाता है। खाद्य विभाग के अधिकारियों के रवैये से जिले का व्यापारियों में काफी रोष है तथा वह अपना व्यापार करने में असहजता महसूस कर रहे हैं।