संतो ने एक साथ इकट्ठा होकर नए वर्ष का स्वागत किया और शुभकामनाएं दी
1 min readसन्दीप मिश्रा
रायबरेली। शहर के संकट मोचन धाम में विक्रम संवत 2078 का आज से शुभारंभ होने पर संतों ने एकत्र होकर देशवासियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं दी ।सनातन संस्कृति का नया वर्ष प्रारंभ होने के साथ ही नए कैलेंडर के अनुसार हिंदी रीति रिवाज शुरू होंगे । देशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देने के लिए संत हनुमान धाम में इकट्ठा हुए।
संतों का मुख्य उद्देश्य विक्रम संवत हिंदू नव वर्ष के बारे में युवा पीढ़ी को जानकारी देना था। संतों का कहना है कि युवा पीढ़ी अपने सनातन संस्कृति का नया वर्ष विक्रम संवत है ना कि जनवरी में होने वाला नववर्ष।
देवी संपत मंडल के संत ज्योतिर्मयानंद सरस्वती ने कहा कि जनवरी में ठंड के मौसम में होने वाला नया वर्ष कैलेंडर वर्ष तो हो सकता है। लेकिन सनातन संस्कृति में जब पेड़ों पर नए पत्ते आते हैं गेहूं की फसल कटती है और आने वाले कुछ दिनों में वर्षा ऋतु का प्रारंभ होता है तभी नया वर्ष भी प्रारंभ होता है। इसलिए सनातन संस्कृति का नया वर्ष विक्रम संवत धूमधाम से मनाना चाहिए ना कि ठंड में कांपता हुआ नया वर्ष जनवरी मनाना चाहिए। इस मौके पर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ,स्वामी ज्योर्तिमयी नंद महाराज, गोविंद महाराज संत प्रेम वर्षा, महामंडलेश्वर श्री गणेशानन्द महाराज ,बाल कृष्ण बिहारी महाराज, पुजारी दिनेश शुक्ला, मोहित मिश्रा डॉक्टर के पी वर्मा सरस्वती व नन्हे मुन्ने बच्चे मौजूद रहे।