नौतनवां में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का मनाया गया 111वाँ जयंती
1 min read*उन्हें यह फ़िक्र है हरदम*,
*नयी तर्ज़-ए-वफ़ा क्या है*
*हमें यह शौक है देखें*,
*सितम की इन्तहा क्या है*
*जिंदगी से क्यों ख़फ़ा रहें हम*,
*मौत का क्या ग़िला करें*
*सारा जहाँ दुश्मन ही सही*,
*आओ मिल मुक़ाबला करें*
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भारत के स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम शहीद सरदार भगत सिंह जी का जन्म: 28 सितम्बर 1907 को गाँव बंगा,जिला लायलपुर,पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था इन्होंने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला कर लाहौर में साण्डर्स की हत्या,दिल्ली स्थित सेण्ट्रल असेम्बली में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान करने के बाद विस्फोट स्थल से भागने से भी मना कर दिया जिसके फलस्वरूप इन्हें 23 मार्च 1931 को राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। सारा देश ऐसे बलिदानी को बड़ी गम्भीरता से याद करती है जिसने अपनी जवानी सहित सारी जिन्दगी देश के लिये समर्पित कर दी, और उन्हें आज भी आज़ादी के दीवाने के रूप में देखती व पूजती है।
आज *गुड्डू खान* अध्यक्ष न0पा0प0 नौतनवा ने शहीद चौक पर स्थापित शहीद भगत सिंह जी की प्रतिमा के समक्ष उनकी 111वी जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में पहुचकर सर्वप्रथम भगत सिंह जी की आकर्षक प्रतिमा को माल्यार्पण करके नमन कर पुष्प अर्पित किया ततपश्चात उनके बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि “आज ही के दिन शहीद-ए-आजम नाम से विश्वविख्यात शहीद सरदार भगत सिंह जी का जन्म हुआ था,जिनके सानिध्य में स्वतंन्त्रता सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत की जड़े हिला दी और बाकी का काम अन्य क्रांतिकारी साथियो ने करके हिंदुस्तान को अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त कराया ऐसे वीर सपूत को हमारा शत-शत नमन
इस अवसर पर बन्टी पाण्डेय, शाहनवाज खान,खुर्शेद आलम,भानू कुमार,प्रमोद पाठक,बबलू लारी,रोहित चौहान,धीरेन्द्र सागर, अशोक कुमार, राजकुमार गौड़, राजेन्द्र जाय0, डॉ0 जय प्रकाश गौतम,बेचू चौराशिया, धर्मात्मा जाय0,राजकुमार अग्रहरि, संतोष कौशल, विनोद कौशल,अवधेश, गोविन्द प्रसाद आदि कई लोग उपस्थित रहे।