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20/04/2024

DakTimesNews

Sach Ka Saathi

कालाजार से बचाव के लिए 2274 घरों में होगा छिड़काव छिड़काव के लिए प्रशिक्षित किए गए स्वास्थ्य कर्मी और श्रमिक

1 min read

सौरभ पाण्डेय

कुशीनगर:- कालाजार से बचाव के लिए तमकूही क्षेत्र के छह गाँवों के में करीब 2272 घरों में आईआरएस ( अंदुरूनी अवशिष्ट छिड़काव) छिड़काव होगा। इससे करीब 12 हजार की आबादी को सुरक्षित किया जाएगा। छिड़काव के लिए गुरूवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तमकूही पर स्वास्थ्य कर्मियों और मजदूरों को प्रशिक्षित किया गया। छिड़काव आगामी 15 फरवरी के बाद प्रस्तावित है। छिड़काव के लिए एक टीम में छह सदस्य लगाए जाएंगे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तमकूही के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ.अभिषेक कुमार ने बताया कि कालाजार से के बचाव के लिए तमकूही् क्षेत्र के छह गाँवों में छिड़काव की तैयारी की जा रही है। कुल 37 दिन तक चलने वाले छिड़काव के लिए श्रमिकों और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित कर दिया गया है।
प्रशिक्षण के दौरान डब्ल्यूएचओ के जोनल को-आर्डिनेटर डाॅ. सागर घोडेकर ने छिड़काव के बारे में तकनीकी जानकारी दी। घोल बनाने के बारे में जानकारी दी। छिड़काव के तौर तरीके के बारे में भी बताया। छिड़काव के लिए डेमो भी कराया। यह भी बताया कि वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के लिए अल्फ़ा साईपर मेथरीन 5 % दवा का छिड़काव कराया जाएगा।
उन्होंने कालाजार के बारे में विस्तार से बताया। कालाजार के लक्षण और बचाव के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम में वेक्टर बार्न डिजीज के नोडल अधिकारी एसीएमओ डाॅ.वीपी पांडेय, तमकूही, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अशोक,आशा कार्यकर्ता एवं संगिनी भी मौजूद रहे।
जिला मलेरिया अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि जिले में वर्ष 2021 में कालाजार के दो तथा चमड़ी कालाजार के एक रोगी मिला है।
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कहाँ कितने घरों में होगा छिड़काव

रामनगर-362 घरों में
डिबनी खास-465 घरों में
बिहार बुजुर्ग -412 घरों में
कटहरी बाग-340 घरों में
बिहार खुर्द -525 घरों में
सपही टेढ़वा-170 घरों में
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गौशाला व शौचालयों में भी कराया जाएगा छिड़काव

कालाजार से बचाव के लिए घरों, शौचालयों तथा गौशाला में भी छिड़काव कराया जाएगा, छिड़काव करीब 6 फीट की ऊंचाई तक कराया जाएगा। कच्चे घरों, अंधेरे व नमी वाले स्थानों पर विशेष तौर पर छिड़काव कराया जाएगा।
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क्या है कालाजार
कालाजर बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों व अंधेरे में पायी जाती है। इस मक्खी के काटने से मरीज बीमार हो जाता है। उसे रूक रूक कर बुखार चढ़ता उतरता है। इस बीमारी से मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है। लक्षण दिखने पर मरीज को तत्काल चिकित्सक को दिखाना चाहिए। मलेरिया विभाग को रिपोर्ट करने से जल्दी नि:शुल्क इलाज होगा |

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