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29/03/2024

DakTimesNews

Sach Ka Saathi

सोशल ऑडिट करने पहुंचे अध्यक्ष को ग्राम प्रधान ने गाली देकर भगा दिया

1 min read

रिपोर्ट-गुड्डु गुप्ता

महराजगंज/ नौतनवां (गुड्डू गुप्ता )तहसील क्षेत्र नौतनवां ब्लॉक रतनपुर जहां करोड़ों रुपए सरकार गांवों क्षेत्र में विकास के लिए खर्च कर रही है वहीं अपने जिम्मेदारियों से भागने वाले कुछ अलाधिकरियों के साथ मिलकर विकास कार्यों का पैसा गमन करने में लगे हुए हैं और विकास कार्यों का विवरण पेश करने से कतरा रहे है अगर ईमानदारी से सभी आलाधिकारी कार्य करते तो फिर विकास कार्यों का विवरण देने में कोई परेशानी नहीं होती मगर सभी को इस बात का डर है कहीं हमारे काले कारनामे अगर लोगो के सामने आ जाएगी तो हमारा बहुत बुरा हाल हो जाएगा जिस कारण सभी चुप्पी साधे बैठे हैं ।
आपको बता दें महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत संपादित सोशल ऑडिट प्रतिवेदनों पर ए0टी0आर0 एवं दुरुपयोग राशि के वसूली के संबंध में कोर्डिनेटर रेनू सिंह ने सोशल ऑडिट निदेशालय उत्तर प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी जिला कार्यक्रम समन्वयक ( मनरेगा ) गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर को छोड़कर सभी उक्त आलाधिकारियों को लिखित प्रेषित किया है जिसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार ग्राम सभा द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में योजना पर व्यय की गई धनराशि एवम् कराए गए समस्त विकास कार्यों की सोशल ऑडिट की जाती है सोशल ऑडिट प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रथम दो दिवसों में मनरेगा एम0आई0एस0 से डाउनलोड किए गए व्यय विवरण का अभिलेखों एवम् पत्रावलियों से मिलान किया जाता है और कराए गए कार्यों का ग्रामीणों की उपस्थिति में सत्यापन किया जाता है सोशल ऑडिट ग्राम सभा की बैठक में डोर टू डोर एवम् फिल्ड विजिट के दौरान तैयार किए गए प्रतिवेदन को ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तथा क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम प्रधान , सचिव , ग्राम पंचायत व तकनीकी सहायक , ग्राम रोजगार सेवक आदि से सोशल ऑडिट के निष्कर्षों के आधार पर पाई गई कमियों पर उत्तर देने की अपेक्षा की जाती है । उपरोक्त प्रक्रिया के उपरान्त सोशल ऑडिट ग्राम सभा की बैठक में तैयार किए गए प्रतिवेदन को नरेगा एम0 आई0 एस0 पर अपलोड किया जाता है
संबंधित विकास खण्ड की समस्त ग्राम पंचायतों की सोशल ऑडिट की प्रक्रिया पूर्ण रूप से हो जाने के उपरांत ग्राम सभा की बैठक में निस्तारित ना हो पाने वाले प्रकरणों के निस्तारण हेतु विकास खण्ड स्तर पर सोशल ऑडिट ब्लॉक सभा (जनसुनवाई) का आयोजन किया जाता है । जिसकी अध्यक्षता जिला विकास अधिकारी द्वारा किए जाने की व्यवस्था है यह अपेक्षा है कि जनसुनवाई के अवसरों पर सोशल ऑडिट में उठाए गए अधिक से अधिक विंदुओं का निस्तारण हो जाए जिससे भारत सरकार की सोशल ऑडिट की एम0आई0एस0 पर ए0टी0आर0 रिपोर्ट को समय से अपलोड किया जा सके किंतु इन दो मंचो (सोशल ऑडिट ग्राम सभा एवम् सोशल ऑडिट ब्लॉक सभा) पर उत्तरदाई कार्मिकों की उदासीनता के फलस्वरूप प्रकरणों का शत प्रतिशत निस्तारण एवम् वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में इंगित धनराशि की वसूली की कार्यवाही नहीं हो पा रही है ।
इसी क्रम में आपको बता दे जनपद महराजगंज विकास खण्ड नौतनवा अन्तर्गत ग्राम सभा गजरहां में जब रेनू सिंह 8 सितम्बर को ऑडिट करने के लिए पहुंची तो ग्राम प्रधान योगेन्द्र यादव ने उन्हें भद्दी भद्दी गलियों से स्वागत किया और तो और उन्हें ऑडिट कराने से मना कर दिया जब ऑडिट करने पहुंची टीम ने गांव के मजदूरों से पूछताछ की तो पता चल रहा है कि मजदूरों को कोई रोजगार नहीं कोई कार्य नहीं फिर भी मास्टर रोल में 113 मजदूरों की हाजिरी लग रही जब की मौके पर कोई मजदूर कार्य नहीं कर रहा है अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार के पैसों का गमन करने के लिए ही ऑडिट कराने से डर रहे ग्राम प्रधान कहीं उनके कालाबाजारी का काला चिट्ठा सामने ना आ जाए ऑडिटरों से गाली गुप्ता का प्रयोग करके क्या साबित करना चाहते हैं एसे में रेनू सिंह ने जिला विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर उचित कार्यवाही की मांग की है अब देखना यह है कि कितनी जल्दी जिला विकास अधिकारी अपराधियों पर शिकंजा कसते है उन पर अग्रिम कार्यवाही कब करते हैं ।

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