ऊंचाहार रामलीला मैदान विवाद ने ली करवट, मीडिया को दिए दस्तावेजों में किया गया दावा , मुरारका परिवार की है सम्पत्ति
1 min readरिपोर्ट-सन्दीप मिश्रा
ऊँचाहार , रायबरेली । ऊंचाहार रामलीला मैदान का जमीनी विवाद वैसे तो वर्ष 2002 से चल रहा है इस दौरान भूमि विवाद ने कई बार करवटें बदली लेकिन इस बार मुरारका परिवार से उक्त भूमि के वारिश सूरज मल मुरारका के पुत्र प्रकाश मुरारका ने भूमि से जुड़े कुछ दस्तावेज मीडिया व अधिकारियों को देकर भूमि का असली मालिक होने का दावा किया है । दस्तावेजों के अनुसार उक्त भूमि में विभिन्न प्रकार के आयोजन हुआ करते थे कभी सांस्कृतिक तो कभी मनोरंजक इस दौरान आयोजकों ने भूमि स्वामी से बाकायदा परमिशन प्राप्त करके आयोजन किये । वर्ष 1989 में में जयगुरुदेव महाराज के कार्यक्रम को लेकर कार्यक्रम के आयोजक आनंद कुमार सिंह ने सूरज मल मुरारका से भूमि पर आयोजन करने के लिए अनुमति मांगी थी ।जनवरी 1994 में स्व0 हरनारायण सिंह मेमोरियल स्पोर्ट टूर्नामेंट कार्यक्रम के लिए कार्यक्रम आयोजक सचिव फिरोज नक्वी ने एक सप्ताह के लिए उक्त मैदान में कार्यक्रम करवाने की अनुमति प्राप्त की थी ।
अक्टूबर 1994 में पदमा सर्कस के प्रबंधक इदरीश सयानी ने ग्राउंड में सर्कस लगाने की अनुमति मांगी थी ।
प्रकाश मुरारका के मुताबिक उक्त जमीन उनके पूर्वजों की संपत्ति है । जिसमे समय समय पर मेरे पिता स्व0 सूरज मल मुरारका द्वारा मेला लगवाया जा रहा था । मेला समय आपसी मेला कमेटी भी बनाई गई थी । जिसमे कुछ सदस्यों के द्वारा लालच फैला कर भूमि हड़पने की साजिश सुरु कर दी गई । पहले कमेटी का अध्यक्ष बदला गया ।
वर्ष 2002 से उक्त भूमि में का वाद न्यायालय में पहुँचा । वाद के दौरान दुर्गा पूजा समिति की स्थापना वर्ष 2004-05 में होती है । वाद के दौरान समिति का पंजीकरण करवा कर समिति भूमि को समिति के नाम पंजीकृत करवाने का प्रयास शुरू हुआ ।
प्रकाश मुरारका के मुताबिक इस विवाद में अब तक उन्हें कई बार सफलता मिली है लेकिन विपक्षी अनावश्यक परेशान करने का प्रयास कर रहे हैं । सवाल बड़ा है कि अगर मेरी संपत्ति न होते तो कार्यक्रमों के आयोजक मेरे पिता जी से कार्यक्रम के पूर्व अनुमति क्यों लेते । उधर दुर्गा पूजा समिति ऊंचाहार का दावा है कि भूमि सार्वजनिक उपयोग हेतु समिति की है । फिलहाल एसडीएम ऊंचाहार केशव नाथ गुप्त ने कहा कि प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना जा रहा है । वाद न्यायालय में विचाराधीन है मामले में जो भी उचित कार्यवाही की जाएगी ।