!!नई शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय वेब संगोष्ठी को देखा पूरा देश!!
1 min readरिपोर्ट-भानु प्रताप तिवारी
जवाहरलाल नेहरु पी जी कॉलेज महराजगंज!
जवाहरलाल नेहरू स्मारक पीजी कॉलेज महाराजगंज में नई शिक्षा नीति 2020 के सम्बर्धन,क्रियान्वयन तथा नई शिक्षा नीति के बहुविषयक प्रवृत्ति आदि के सन्दर्भ में उच्च शिक्षा निदेशक प्रयागराज उत्तर-प्रदेश के निर्देश पर *”समग्र एवं बहुविषयक शिक्षा की ओर बढ़ते कदम”* विषयक एक दिवसीय वेब-संगोष्ठी का आयोजन ज़ूम एप के माध्यम से दिनाँक 07 सितम्बर 2020 को प्रातः 11 बजे से किया गया;जिसका लाईव प्रसारण फ़ेसबुक लिंक के माध्यम से भी किया गया था।इस वेब-संगोष्ठी में देश के लगभग 1500 लोगों ने प्रतिभाग किया जिसमें छात्र/छात्राएं,शोधार्थी एवं शिक्षक तथा प्रबुद्धजन आदि सम्मिलित रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ *डॉ.मृत्युंजय तिवारी* द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना और वैदिक ऋचाओं के सस्वर ध्वनियों किया गया। तत्पश्चात महाविद्यालय के प्राचार्य *डॉ.उमेश प्रसाद यादव* ने समस्त आगत अतिथियों का स्वागत,अभिनन्दन वंदन किया। संगोष्ठी के विषय के संक्षिप्त परिचय व विषय प्रवर्तन करते हुए वेब-संगोष्ठी के संयोजक *डॉ.गोपाल सिंह* द्वारा
शिक्षा को सर्व समावेशी शिक्षा;जो कठोर अनुशासनात्मक संरचना से हटकर एक लचीली एवं रचनात्मक शिक्षा पद्धति का निर्माण करे; जिसकी जड़ें प्राचीन भारतीय सनातन चिंतन दर्शन परंपरा में निहित हो ऐसी नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु आह्वान किया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपने उद्घाटन अध्यक्षीय उद्बोधन में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी *डॉ अश्वनी कुमार मिश्र* जी द्वारा नई शिक्षा नीति को ज्ञान योग्यता और रोजगार के साथ समन्वय स्थापित करने की बात कही गयी,डॉ मिश्र जी ने अपने उद्बोधन में मातृ भाषा की उपादेयता व उसके संस्कार से ही उसके ज्ञान में वास्तविक गुण उत्पन्न होते हैं तथा उसी से व्यक्ति के व्यक्तित्व का बहुआयामी विकास होता है।यह शिक्षा नीति 2020 इसका मार्गदर्शी दृष्टिकोण उपलब्ध कराता है।
मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व कुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला प्रखर राष्ट्रवादी विचारक अर्थशास्त्री *प्रोफेसर ए डी एन बाजपेई* जी ने अपने उद्बोधन में शिक्षा को मुक्त करने वाला बताया,सभी ज्ञान विज्ञान शास्त्र का मुख्य उद्देश्य मुक्ति प्रदान करना होता है और नई शिक्षा नीति वास्तव में ज्ञान के इसी सिद्धांत को मानते हुए कार्य करेगी नई शिक्षा नीति को परिभाषित करते हुए उन्होंने बताया कि यह बहु शाखाएं बहुआयामी अनौपचारिक और सतत बोधगम्य होगी इससे शिक्षा के नए स्वरूप का प्रचार होगा।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए *प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह* चौहान भूतपूर्व डीन सामाजिक विज्ञान संकाय एवं चेयरमैन शिक्षा शास्त्र विभाग अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अलीगढ़ ने प्राथमिक स्तर से मातृभाषा में ही शिक्षा के साथ उच्च स्तर पर भाषाई घालमेल से वास्तविक ज्ञान अधूरा रह जाता है,उक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में उन्होंने बताया कि इसके पूर्व शिक्षा की राष्ट्रीय नीति लागू की गई थी किंतु यह वर्तमान शिक्षा नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 है जो पूरे देश में एक साथ प्रभावी होगी और प्राथमिक स्तर से शोध कार्य तक गुणवत्ता पूर्ण होगी।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर की भूतपूर्व डीन एवं पूर्व अध्यक्ष शिक्षा संकाय की पूर्व *प्रोफेसर शैलजा सिंह* ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बहुआयामी एवं समग्रता से परिपूर्ण बताया एवं बताया कि इस शिक्षा-नीति के क्रियान्वयन से छात्र एवं शिक्षकों के क्षमता में वृद्धि के साथ तकनीकी रूप से समग्र शैक्षिक समाज सक्षम बनने की ओर बढ़ेगा।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के *प्रोफेसर संतोष कुमार शुक्ल* संकाय प्रमुख संस्कृति एवं प्राच्य विद्या अध्ययन संस्थान ने बताया कि हमारे प्राचीन ग्रंथ ज्ञान-विज्ञान से परिपूर्ण हैं;नई शिक्षा नीति में मातृभाषा के माध्यम से सभी इससे लाभान्वित होंगे और ज्ञान के तीन स्तर ज्ञान का सृजन,ज्ञान का प्रयोग एवं ज्ञान के विस्तार प्रसार होगा, भारतीय ज्ञान भारतीय चिंतन परंपरा के साथ विज्ञान के नए आयाम व रोजगार से जोड़ते हुए शिक्षा बहुआयामी वह समग्रता के साथ व्यक्तित्व के विकास में सहायक होगी। राष्ट्रीय संगोष्ठी में महाविद्यालय के मुखिया संरक्षक प्रबंधक *डॉ.बलराम भट्ट जी* ने विद्वान वक्ता गण एवं शिक्षाविदों सहित सभी प्रतिभागियों,शोध छात्रों,शिक्षकों,शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं इस वेब संगोष्ठी के आयोजकों को सम्बोधित करते हुए,ज्ञानपरक,सफल संगोष्ठी के आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किए। संगोष्ठी का कुशल संचालन *श्री दिवाकर सिंह एवं श्री अक्षय कुमार जी* द्वारा किया गया एवं संगोष्ठी के सफल संचालन हेतु ज़ूम एप के अनेकानेक तकनीकि पहलुओं पर विविध संगणक यंत्रों से जुड़ कर *संगोष्ठी के सफल आयोजन में डॉ.धर्मेंद्र कुमार सोनकर,डॉ. सुनीता त्रिपाठी, डॉ. प्रशांत पाण्डेय, डॉ.प्रवीण श्रीवास्तव एवं डॉ. राणा प्रताप तिवारी जी का योगदान उल्लेखनीय रहा। कार्यक्रम के अंत में डॉ अजय कुमार मिश्र* ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन कर राष्ट्र गान के माध्यम से संगोष्ठी का समापन किया;उक्त संगोष्ठी के आयोजन में महाविद्यालय परिवार की भूमिका प्रमुखता से रही।