जनपद की स्वास्थ व्यवस्था बदहाल, कराई जाये जांच :कांग्रेसी नेता आशीष द्विवेदी
1 min readरिपोर्ट-सन्दीप मिश्रा
रायबरेली, उ0प्र0 उद्योग व्यापार मंडल मिश्रगुट द्वारा प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ जी को संबोधित ज्ञापन जिला प्रसाशन के प्रतिनिधि नायब तहसीलदार सदर को प्रेषित किया गया।
व्यापारी प्रतिनिधि मंडल द्वारा ज्ञापन के माध्यम से जनपद में कोविड-19 संक्रमण के इलाज में बरती जा रही शिथिलता एवं एल-01 हस्पताल में व्याप्त समस्याओं के निराकरण एवं दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई।
व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष आशीष द्विवेदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण अपने चरम पर लोंगों को प्रभावित करते हुवे पाँव पसार रहा है अब जबकि संक्रमित व्यक्तियों में कोरोना से संबंधित लक्षण भी परिलक्षित नही हो रहे है उक्त संक्रमण और भी भयावह स्थित को जन्म दे रहा है।
ऐसे में आमजन में यह संदेश प्रसारित होना कि कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों को चिकित्सीय सुविधाओं के अभाव में सिर्फ आइसुलेट करने का काम किया जा रहा है लोंगों को कोविड-19 टेस्ट न कराने के लिए प्रेरित करता है परिणाम स्वरूप स्थित बद से बदत्तर होने की ओर अग्रसर है जिसकी रोकथाम करने की नितांत आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि आमजन में एल-01 हॉस्पिटल की खामियों ने जो कि सर्वसमाज में प्रचारित है ने भी सर्वसमाज में भय का माहौल व्याप्त कर रखा है। परिणाम स्वरूप सक्षम व्यक्ति वित्तीय सहायता प्राप्त सुविधायों को लेने व जन सामान्य एल-01 की दुश्वारियों को भोगने को बाध्य है।
साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अनुसार
कोविड-19 के अस्पतालों के भोजन प्रभारी डॉ मनोज शुक्ला जो कि पारिवारिक ( पत्नी की बीमारी) समस्याओं से जूझ रहे है अपने कार्य के प्रति कितने निष्ठावान होंगे, बड़ा प्रश्न है।
महिला जिलाध्यक्ष प्रियंका कक्कड़, सत्रोंहन सोनकर, अखिलेश श्रीवास्तव, प्रमोद पांडेय, दिलदार राइनी, राज सिंघानियां आदि व्यापारी पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार से मांग की कि जनपद रायबरेली में प्रसारित उपरोक्त संदेशों को संज्ञान में लेते हुवे कोविड-19 संक्रमण में प्रदान की जा रही चिकित्सीय सुविधाओं की स्थित, एल-01 हॉस्पिटल में दी जा रही मरीजों को सुविधाओ की वास्तविकता की जांच कराई जाए व दोषी पाए जाने पर संबंधितो पर कार्यवाही की जाए एवं कोविड-19 के अस्पतालों के भोजन प्रभारी डॉ मनोज शुक्ला जो कि पारिवारिक समस्याओं से ग्रसित है के स्थान पर उक्त प्रभार किसी अन्य को प्रदान किया जाए, जिससे संक्रमित व्यक्तियों का हित प्रभावित न हो।