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29/03/2024

DakTimesNews

Sach Ka Saathi

देश से लेकर रायबरेली जिले तक की कानून व्यवस्था और स्कुलो की मनमानी पर भड़की कांग्रेसी नेता ऊषा सिंह

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रिपोर्ट-सन्दीप मिश्रा

उत्तर प्रदेश रायबरेली जनपद में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज अब दिखाई ही नहीं देती है। यह बात जिला कांग्रेस कमेटी की महिला पदाधिकारी ऊषा सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री आवास से चंद कदम की दूरी पर दोहरा हत्याकांड हो जाता है और वहां की सुरक्षा व्यवस्था को उसका पता भी नहीं चलता है। इससे साफ जाहिर है कि अपराधियों की पकड़ सीधे-सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी है। वही जनपद के लालगंज में मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में एक दलित युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हो जाने की घटना यह बताती है कि प्रदेश सरकार के किराए के गुंडों के रूप में खाकी वर्दी अब काम करने लगी है। श्रीमती सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों के चलते आज इंसाफ के लिए उठने वाली हर आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि ना तो पुलिसकर्मी ही सुरक्षित रह गए हैं और ना ही आम जनमानस अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ कोरोना मे देश ने दूसरा स्थान बना रखा है तो दूसरी तरफ अपराधियों ने प्रदेश में पहला स्थान बना रखा है। श्रीमती सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार देश में उद्योगपतियों को और प्रदेश सरकार अपराधियों को बढ़ावा दे रही है। यही कारण है कि विकास दुबे जैसे अपराधी आज हर जिले में तैयार बैठे हैं और इसका जीता जागता उदाहरण रायबरेली जनपद में देखने को मिल रहा है । जहां वर्षों बाद पुलिस मुठभेड़ में एक माह के भीतर 2 पुलिसकर्मी बदमाशों की गोलियों से घायल हो गए। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ पहले भी होती थी परंतु बदमाशों की गोलियों का शिकार पुलिसकर्मी इस जनपद में तो नहीं ही बनते थे । परंतु अब अपराधियों ने उन्हें भी अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है ।इससे साफ जाहिर है कि प्रदेश से लेकर जनपद तक में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। श्रीमती सिंह ने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्याएं अभिभावकों के पास है जिन्हें अपने बच्चों की भारी-भरकम फीस स्कूलों में जमा करनी है और महामारी के चलते लोगों के सामने अपना पेट पालने का संकट गहराता जा रहा है । लेकिन प्रदेश सरकार इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है क्योंकि इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जितने भी स्कूल के संचालनकर्ता है वह सभी बड़े उद्योगपतियों के रूप में जाने जाते हैं और उद्योग पतियों को किसी भी प्रकार का कष्ट ना पहुंचाने के चलते प्रदेश सरकार आज पूरे प्रदेश की जनता को संकट में डाल रखा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश से हर घर से बच्चे स्कूल जाते हैं और उनके ऊपर फीस जमा करने का अतिरिक्त दबाव है । जबकि सरकार लगातार कह रही है कि फीस लेने के लिए स्कूल अभिभावकों पर अनर्गल दबाव ना डालें। लेकिन स्कूल लगातार अभिभावकों से बच्चों की फीस जमा किये जाने या नाम काटने के संदेश भेज रहे हैं। इससे साफ प्रतीत होता है कि सरकार तो आम जनता से कोई सरोकार नहीं है। बल्कि उसे मतलब है तो केवल उद्योगपतियों से उन्होंने कहा कि सरकार अरबों खरबों का बजट इस महामारी में खर्च होने की बात कहती है।परंतु स्कूलों को ऐसा कोई अनुदान नहीं दे पा रही है जिससे कि वह अपने स्कूल के बच्चों की फीस माफ कर सकें।

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